गुरुकुल प्रवेश परीक्षा 2024-25 का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया गया है ! चयनित विद्यार्थियों को 29 जून को गुरुकुल रिपोर्ट करने हेतु सूचित कर दिया गया है।

शिक्षा के साथ संस्कार भी

भारत का पहला व अनूठा उत्कर्ष रामस्नेही गुरुकुल जहाँ विद्यार्थियों को मिलता है नि:शुल्क शिक्षा का अवसर

शिक्षा एवं संस्कारों के साथ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का श्रेष्ठतम केंद्र

" मारवाड़ की पावन धरा पर जोधपुर से लगभग 35किमी दूर तिंवरी उपखंड में स्थित उत्कर्ष रामस्नेही गुरुकुल संचालित है। यह गुरुकुल सम्पूर्ण भौतिक सुविधाओं युक्त 30 बीघा से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ हैं। इसकी स्थापना का उद्देश्य सम्पूर्ण राजस्थान में आर्थिक रुप से कमजोर एवं प्रतिभावान विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा, आवास एवं भोजन सुविधा उपलब्ध करवाकर संस्कारवान एवं देशप्रेमी नागरिक बनाना है। गुरूकुल में विद्यालय शिक्षा (लगभग 100 विद्यार्थियों) के साथ राजस्थान की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले लगभग 50 प्रतिभाशाली अभ्यर्थी समयबद्ध सरकारी सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं "
Dr. Nirmal Gehlot
Dr. Nirmal Gehlot

प्राचीन भारतीय तथा आधुनिक शिक्षा पद्धति का अनूठा संगम

" प्रकृति के सौम्य वातावरण में शिक्षा, संस्कार और अनुशासन का पालन करते हुए विद्यालय शिक्षा (कक्षा 6 से 10) के साथ राजस्थान की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी के साथ सफल जीवन का निर्माण करना हैं। पूर्णत: सनातन संस्कृति पर आधारित इस गुरुकुल का उद्देश्य राजस्थान के ऐसे मेधावी व प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को नि:शुल्क आवासीय व शैक्षणिक सुविधाएँ देकर सरकारी कर्मचारी बनाना है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं अथवा संसाधनों के अभाव में अपने सपने साकार कर पाने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं। इस गुरुकुल में विद्यार्थियों का बौद्धिक विकास के साथ आध्यात्मिक व नैतिक विकास पर भी बल दिया जाता हैं। "

उत्कर्ष रामस्नेही गुरूकुल : परिचय

भारत का पहला एवं अनूठा गुरुकुल

"उत्कर्ष क्लासेस एवं स्वामी रामप्रसाद जी महाराज के संयुक्त सानिध्य से संचालित उत्कर्ष रामस्नेही गुरुकुल जिसमें स्कूली शिक्षा (कक्षा 6 से 10 - प्रत्येक कक्षा में 20 विद्यार्थी) के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले 50 अभ्यर्थियों को प्राकृतिक शुद्ध वातावरण, डिजिटल क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, पुस्तकालय, योग, ध्यान, और खेल सुविधाओं के साथ पूर्णतः निःशुल्क शिक्षा, आवास एवं भोजन सुविधा प्रदान कर एक सामाजिक , संस्कारवान एवं देशप्रेमी नागरिक बनने के साथ उनके भावी जीवन के लक्ष्य प्राप्ति करना है इन छात्रों का चयन लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और खास तौर पर कम आय के आधार पर किया जाता है!"

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अनूठी शिक्षा पद्धति

प्रकृति के सौम्य वातावरण में शिक्षा, संस्कार एवं अध्यात्म के त्रिवेणी संगम के साथ हाइब्रिड शिक्षा पद्धति।

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उत्कर्ष रामस्नेही गुरुकुल का लोकार्पण

सोमवार, 20 सितम्बर 2021, भाद्रपद पूर्णिमा, वि.सं. 2078 को उत्कर्ष क्लासेस, जोधपुर के संस्थापक डॉ. निर्मल गहलोत सर एवं पूज्य स्वामी परमहंस श्री 108 श्री रामप्रसाद जी महाराज के कर कमलों द्वारा किया गया।

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शिक्षा एवं संस्कार

कक्षा षष्ठी से दशमी एवं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अभर्थियों को नि:शुल्क तैयारी का अवसर दिया जा रहा हैं।

गुरुकुल की विशेषताएँ

प्रकृति के सौम्य वातावरण में शिक्षा, संस्कार और अनुशासन का पालन करते हुए प्रारम्भिक चरण में समयोचित राजस्थान की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जा रही है।

  • गुरुकुल का हर क्लासरूम डिजिटल है जहां छात्रों को ऑफलाइन और ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही है तथा समय-समय पर विशेषज्ञ भी उपलब्ध रहेंगे।
  • प्रकृति के शांत वातावरण में अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण सुव्यवस्थित भवन
  • डिजिटल पुस्तकालय, जहाँ पूर्ण अध्ययन सामग्री उपलब्ध है, जैसे प्रिंटेड नोट्स, न्यूज़पेपर व मैगजीन।
  • योग, ध्यान एवं खेल का प्रशिक्षण।

गुरुकुल की एक झलक

गुरुकुल विद्यार्थीओ के लिए प्रातः योग, ध्यान और शारीरिक व्यायाम के साथ दोपहर योग निद्रा, वज्रासन और संध्या आरती जेसी नियमित गतिविधियाँ , जिनसे विद्यार्थी नियमित ऊर्जावान बना रहे! शुद्ध सात्विक सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात्रि का भोजन उपलब्धता के साथ प्रशिक्षित एवं अनुभवी शिक्षकों की टीम द्वारा नियमित शिक्षण एवं अतिरिक्त कक्षाएँ जिनसे विद्यार्थियों के सीखने का स्तर बढ़ाया जा सके और साथ ही उत्कर्ष की प्रतिभाशाली, अनुभवी और सर्वोत्तम शिक्षक टीम का मार्गदर्शन मिलता रहे जिसे जीवन की आगामी भावी नीति के बारे में समझ पैदा हो !

खेल उपलब्धियाँ सत्र 2023-24

योग प्रतियोगिता में गुरुकुल टीम जिला स्तर पर प्रथम स्थान

सुरेन्द्र सिंह पुत्र श्री बाबूसिंह

जिला - बाड़मेर

योग प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर चयन

राहुल पुत्र श्री गोरु राम

जिला - चूरू

योग प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर चयन

विरेन्द्र पुत्र श्री अमराराम

जिला - जोधपुर

कुश्ती प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर चयन

मूलाराम‌ पुत्र श्री गोपी किशन

जिला - जोधपुर

कुश्ती प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर चयन

गणेश पुत्र श्री खिंवराज

जिला - जोधपुर

कुश्ती प्रतियोगिता में जिला स्तर पर द्वितीय स्थान

प्रवीण पुत्र श्री मोहनलाल

जिला - बाड़मेर

कुश्ती प्रतियोगिता में जिला स्तर पर द्वितीय स्थान

घनश्याम पुत्र श्री कैलाश

जिला - जोधपुर

भारोत्तोलन प्रतियोगिता में जिला स्तर पर द्वितीय स्थान

योगेश पुत्र श्री नारायण राम

जिला - जोधपुर

शतरंज प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर चयन

महत्वपूर्ण जानकारी:-

  • 1. प्रकृति के शांत वातावरण में अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण सुव्यवस्थित भवन

    2. ऑफलाइन एवं ऑनलाइन कक्षाओं के लिए डिजिटल क्लासरुम

    3. कक्षा षष्ठी से दशमीं के विद्यार्थियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण कक्षा-कक्ष

    4. शुद्ध सात्विक भोजन व्यवस्था एवं सुव्यवस्थित भोजनशाला

    5. विद्यार्थियों एवं आचार्यो के लिए पृथक- पृथक सुव्यवस्थित आवास व्यवस्था

    6. सुव्यवस्थित खेल-मैदान व्यवस्था

    7. डिजिटल स्वाध्याय कक्ष की व्यवस्था

    8. डिजिटल संगणक कक्ष की व्यवस्था

    9. तरणताल

    10. गौशाला

    11. बायोगैस प्लांट

    12. राम कुटिया

  • 1. विद्यार्थी आर.बी.एस.ई बोर्ड (राजस्थान बोर्ड) से हिंदी माध्यम के साथ राजस्थान के किसी राजकीय अथवा गैर राजकीय विद्यालय का नियमित विद्यार्थी रहा हो.

    2. विद्यार्थी के माता-पिता में से कोई भी राजकीय सेवा में ना हो तथा परिवार की वार्षिक आय ढाई लाख से अधिक ना हो.

    3. विद्यार्थी जिस कक्षा हेतु प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित होना चाहता है पूर्व की कक्षा में न्यूनतम 60% अंकों के साथ उत्तीर्ण हो.

    4. विद्यार्थी जिनके माता-पिता अथवा दोनों में से कोई एक ना हो अथवा आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार से हो उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी.

    5. विद्यार्थी किसी नियमित व लंबे समय से किसी बीमारी से ग्रसित न हो.

    6. विद्यार्थी राजस्थान राज्य का मूल निवासी एवं केवल पुरुष अभ्यर्थी हो.

    • इसके लिए वही उम्मीदवार पात्र होंगे जो निम्नलिखित शर्तें पूरी करते हों :

      1. वह पुरुष अभ्यर्थी हो।

      2. वह अविवाहित हो।

      3. वह राजस्थान का मूल निवासी हो।

      4. वह स्नातक/10+2 कर चुका हो।

      5. उसके परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम हो।

      6. उसके माता एवं पिता में से कोई भी सरकारी सेवा में न हो।

      7. उसने CET परीक्षा (10+2) उत्तीर्ण कर रखी हो।

      8. उसे सनातन संस्कृति के अनुसार जीवन-यापन करने में कोई आपत्ति न हो।

  • गुरुकुल में रहकर तैयारी करके 30+ विद्यार्थियों का विभिन्न सरकारी सेवाओं में चयन।

    कुल प्रविष्ट विद्यार्थी = 19

    क्र.स. प्रतिशत विद्यार्थी
    1. 91% to 100% 2 विद्यार्थी
    2. 81% to 90% 7 विद्यार्थी
    3. 71% to 80% 6 विद्यार्थी
    4. 61% to 70% 3 विद्यार्थी
    5. 55% to 60% 1 विद्यार्थी
  • 1. गुरुकुल में सभी छात्र सनातम धर्म का पालन करेंगे। सभी छात्र सद्गुणों का ग्रहण करने की आदत डालेंगे।

    2. सभी छात्र गुरुकुल की दिनचर्या का पालन करेंगे।

    3. सभी छात्र प्रधानाचार्य, आचार्य, प्रबंधक, वार्डन के निर्देशों की पालना करेंगे।

    4. सभी छात्रों को सत्र के दौरान गुरुकुल में रहना आवश्यक है।

    5. सभी छात्रों के लिए निर्धारित किए गए गणवेश को धारण करना अनिवार्य है।

    6. छात्रों के लिए गुरुकुल परिसर में मोबाइल फोन का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित है।

    7. सभी छात्रों को वर्ष में दो बार (दीपावली एवं ग्रीष्मकालीन अवकाश) अपने घर जाने का अवकाश मिलेगा।

    8. गुरुकुल प्रशासन द्वारा घोषित किए गए अवकाश के अतिरिक्त अन्य कोई अवकाश देय नहीं होगा।

    9. छात्रों को वार्षिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर ही अगली कक्षा में प्रवेश दिया जायेगा।

    10. छात्रों द्वारा गुरुकुल नियमों का उल्लंघन करने पर उनका प्रवेश निरस्त किया जा सकता हैं ।

    11. छात्र आपस में प्रेमपूर्वक रहेंगे एवं एक-दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार करेंगे।

    12. गुरुकुल में प्रवेश लेने के उपरान्त सत्र के बीच में छात्रों को गुरुकुल छोड़ने की अनुमति नहीं रहेगी।

    13. यदि किसी छात्र द्वारा गुरुकुल की किसी भी सामग्री को नष्ट, नुकसान या गुम कर दिये जाने पर, उसकी क्षतिपूर्ति तत्काल उसके अभिभावकों को करनी होगी।

    14. गुरुकुल में छात्रों को केवल प्राथमिक उपचार दिया जावेगा। इसके अलावा उपचार की जिम्मेदारी अभिभावक स्वयं की रहेगी।

    15. गुरुकुल रहते छात्र खेलकूद, बीमारी या किसी अन्य कारण के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर उसकी जिम्मेदारी गुरुकुल की नहीं रहेगी।

    16. गुरुकुल स्वच्छता अभियान हेतु समर्पित है, अत: छात्रों को अपना कक्षा-कक्ष स्वयं साफ करना होगा और अन्य साफ-सफाई में भी सहयोग देना होगा।

  • 1. गुरुकुल में अभिभावक - आचार्य बैठक हर माह के प्रथम रविवार को सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक रहेगी।

    2. हर माह के पहले व तीसरे रविवार को सुबह 9 से सायं 5 बजे के बीच आपके बालक से आपकी बात करवाई जायेगी।

    3. अभिभावक अपने बालक से मिलने के लिए प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को सुबह 9 से दोपहर 1 बजे के बीच आ सकेंगे।

    4. छात्रों से जब भी आपकी बात करवायी जाए आप अच्छे से सकारात्मक ऊर्जा के साथ बात करें ना कि भावुक होकर आप खुद कमजोर हो और बालक को भी कमजोर करें।

    5. गुरुकुल में अभिभावकों के लिए अपने बालकों से मिलने का एक निर्धारित समय तय किया गया है। केवल आपातकालीन स्थिति में आप केवल 9773379106 पर वाट्सएप मैसेज या फोन करेंगे।

    6. अभिभावक अपनी इच्छा से किसी भी समय बालकों से नहीं मिल पायेगें, क्योंकि कुछ छात्रों के अभिभावकों के मिलने आने से बाकी छात्र प्रभावित होंगे।

    7. गुरुकुल के आचार्यों का उत्तरदायित्व है कि बालकों की शिक्षा-दीक्षा का ध्यान एवं देखभाल रखना आदि अत: अभिभावकगण आचार्य को व्यक्तिगत रूप से फोन न करें।

    8. अभिभावक जब बालक से बार-बार फोन पर बात करेंगे या मिलने आयेंगे, तो आपका या बालक का मन कमजोर हो सकता है।

    9. बालकों व आपको वातावरण के अनुकूल होने में कुछ दिन का समय लगेगा। अत: आपने जिस विश्वास से बालकों को यहां भेजा है, आप निश्चिन्त रहे।

    10. कोई भी विशेष एवं आवश्यक सूचना होने पर आपको सूचित किया जायेगा।

    11. अभिभावकों को वाट्सएप ग्रुप के जरिए नवीनतम सूचनाएं एवं तात्कालिक सूचनाएँ मिलती रहेगी।

    12. अभिभावक किसी कार्यालय कार्य के लिए गुरुकुल आना चाहते है, तो वे सुबह 9 से दोपहर 1 बजे के बीच आ सकते है। (गुरुकुल प्रशासन से अनुमति के पश्चात्।)

    13. गुरुकुल विद्यार्थियों के लिए वर्ष में दो बार अवकाश रहेगा - दीपावली व ग्रीष्मकालीन अवकाश।

    14. अवकाश की सूचना अभिभावकों को दे दी जायेगी, अत: आपको बालकों को लेने स्वयं आना होगा।

  • ||भोजन मंत्र||

    ॐ ब्रहमार्पणं ब्रह्म हविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्।
    ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्मसमाधिना ॥
    ॐ सह नाववतु।
    सह नौ भुनक्तु।
    सह वीर्यं करवावहै।
    तेजस्विनावधीतमस्तु।
    मा विद्विषावहै ॥
    ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:: ॥

    1. भोजनशाल में शांति बनाए रखें।

    3. भोजनशाला में अल्पाहार व भोजन के निर्धारित समय ही पधारें।

    4. भोजनशाला में भोजन करने से पहले स्वयं चटाई बिछाये व भोजन करने के लिए बर्तन लें। भोजनशाला में भोजन करने से पहले भोजन मंत्र का उच्चारण करें।

    5. भोजनशाला में भोजन करने से पहले हाथ धोयें।

    6. भोजन थाली में उतना ही भोजन लेवें जितना आप खा सकें।

    7. भोजन करते समय बिल्कुल भी बातचीत न करें।

    8. भोजन के पश्चात् थाली में भोजन न छोड़े क्योंकि यह भोजन ईश्वर का दिया गया प्रसाद है।

    9. भोजन स्वयं की थाली में, स्वयं का भोजन करें, दूसरे की थाली में से न खायें।

    10. छात्र भोजन बनाने वाली गैस, स्टोव के पास न जावें ।

    11. भोजन करने के बाद स्वयं ही बर्तन साफ करें।

  • क्र.स. समय कार्य
    1. 5:00 AM प्रातः जागरण
    2. 05:00 AM - 06:00 AM दैनिक नित्यकर्म
    3. 06:00 AM - 06:45 AM गीता पाठ, ध्यान, योग एवं व्यायाम
    4. 06:45 AM - 07:15 AM अल्पाहार
    5. 07:15 AM - 07:25 AM विद्यालय गमन तैयारी
    6. 07:25 AM - 08:00 AM वंदना
    7. 08:00 AM - 12:45 PM विद्यालय कक्षा अध्ययन
    8. 12:55 PM भोजन
    9. 01:30 PM - 02:45 PM वज्रासन, योग निंद्रा एवं अन्य कार्य
    10. 03:00 PM - 04:45 PM स्वाध्याय व लेखन कार्य
    11. 04:45 PM - 05:00 PM जलपान
    12. 05:00 PM - 06:00 PM खेल कूद
    13. 06:00 PM - 06:30 PM संध्या आरती
    14. 06:45 PM रात्रि भोजन
    15. 07:30 PM - 09:30 PM अतिरिक्त कक्षा एवं स्वाध्याय
    16. 09:30 PM - 09:45 PM धार्मिक ग्रंथ अध्ययन
    17. 09:50 PM शांति पाठ
    18. 10:00 PM दीप विसर्जन

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